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फर्जी डॉक्टर बन चला रहा था नशा छुड़ाओ केंद्र, 6 महीने से चल रहा था गोरखधंधा

तरनतारन : गोइंदवाल बाइपास रोड पर चल रहे फर्जी नशा छुड़ाओ केंद्र पर सिविल सर्जन डॉ. शमशेर सिंह ने सेहत वभाग की टीम के साथ रेड की। टीम ने केंद्र को सील कर दिया। आरोपी आशीष शर्मा इसे बिना लाइसेंस चला रहा था। खुद को एमबीबीएस और एमडी बता रहा था जबकि उसके पास कोई डिग्री नहीं है। यह सेंटर प्रभु किरपा से नाम से छह महीने से चल रहा था। मौके पर न होने के चलते उसकी िगरफ्तारी नहीं हो पाई।
डाॅ. शमशेर सिंह ने बताया, रेड के दौरान सेंटर में 14 मरीज भर्ती थे। आशीष खुद को एमबीबीएस और एमडी डॉक्टर बताता था लेकिन उसके पास इस तरह की कोई डिग्री नहीं मिली। रिपोर्ट बनाकर कानूनी कार्रवाई के लिए जिला डी एडिक्शन और रीहेबिलिटेशन सोसायटी के चेयरमैन डीसी बलविंदर सिंह धालीवाल को भेज दी है।
मरीजों से 30 से 60 हजार महीना फीस वसूलता था
डाॅ. शमशेर सिंह ने बताया, आरोपी आशीष मरीजों से 30 से 60 हजार रुपए महीना फीस लेता था। चार-छह महीने में नशा छुड़ाने का झांसा दे मरीज दाखिल करता था। अपने गौरखधंधे को जिला प्रशासन से बचाने के लिए उसने केंद्र के बाहर कोई बोर्ड भी नहीं लगाया था। छापामारी करने वाली टीम ने रिकार्ड कब्जे में लिया और मरीजों के परिजनों को बुलाकर उन्हें सरकारी केंद्र में दाखिल करवाने संबंधी काउंसलिंग की।

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